पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जहां तक जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे का सवाल है, केवल कानून बनाने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। उन्होंने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए महिलाओं में उचित शिक्षा और जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया ।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि इस मोर्चे पर दूसरे राज्य क्या कर रहे हैं।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा तैयार विधेयक के संदर्भ में कहा, इस मुद्दे पर मेरी राय बहुत स्पष्ट है और यह अन्य राज्यों से अलग हो सकता है । उन्होंने आगे कहा कि वह जो भी कह रहे वह विभिन्न शोध और किए गए सर्वेक्षणों के बाद के आंकड़ों के आधार पर कह रहे है ।
नीतीश ने कहा कि एक समय था जब राज्य की प्रजनन दर 4% से ऊपर थी। इसे घटाकर 3% कर दिया गया है । यह बिहार में सरकार की पहल का नतीजा है। उन्होंने कहा कि मुझे दृढ़ विश्वास है कि 2040 तक देश में जन्म दर में गिरावट शुरू हो जाएगी ।
हालांकि, सीएम ने यह भी कहा कि उनका मतलब यह नहीं है कि कानून जनसंख्या नियंत्रण में मददगार नहीं होंगे ।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद का नाम लिए बिना सीएम ने कहा कि ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जब पढ़े-लिखे लोगों के भी कई बच्चे हैं। उन्होंने कहा, “ये अपवाद हैं ।”
चीन का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि उस देश के लोगों ने सिर्फ दो बच्चे पैदा करने की नीति अपनाई है और वह भी जन्म दर को नियंत्रित करने के लिए ।
एक दिन पहले ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत पर जोर दिया था। गिरिराज ने कहा था कि बिहार को भी इस दिशा में कानून बनाना चाहिए।