गोपालगंज: मणिपुर में हुई हिंसा में बिहार के गोपालगंज के दो युवकों की हत्या से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। मृतकों की पहचान जादोपुर थाना क्षेत्र के राजवाही गांव निवासी 18 वर्षीय सोना लाल (पुत्र वीरेंद्र मुखिया) और 17 वर्षीय दशरथ सहनी (पुत्र मोहन सहनी) के रूप में हुई है। घटना मणिपुर के काकचिंग इलाके की है, जहां दोनों मजदूर काम खत्म कर साइकिल से लौट रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार हमलावरों ने उनके सिर पर गोली मार दी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
कैसे हुई घटना?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह घटना शाम पांच बजे हुई जब दोनों युवक काम से लौट रहे थे। हमलावरों ने नजदीक आकर सिर पर गोली मारी और फरार हो गए। मृतकों के परिवार वालों ने बताया कि गोली की आवाज सुनकर उनके अन्य साथी और परिजन, जो घटना स्थल से करीब 500 मीटर दूर थे, दौड़कर मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक दोनों युवक दम तोड़ चुके थे।
मजदूरी करने मणिपुर गए थे युवक
दशरथ सहनी छह भाइयों में तीसरे स्थान पर था। दिवाली के बाद वह अपने बड़े भाई संतोष के साथ मणिपुर मजदूरी करने गया था। पहली बार वह तीन महीने रहकर लौटा था, लेकिन इस बार उसने सोना लाल को भी अपने साथ मणिपुर ले जाने का फैसला किया। दोनों युवक काकचिंग के एक किराए के मकान में रहकर मजदूरी कर रहे थे।
परिजनों की मांग: शव बिहार लाया जाए
मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। सोना लाल की मां लीलावती और अन्य परिजन शोक में डूबे हैं। सोना लाल की बुआ प्रेमशिला देवी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि मृतकों के शव को जल्द बिहार लाया जाए ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके।
सरकार का आश्वासन: मिलेगी मदद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मृतकों के शव को उनके पैतृक गांव लाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही श्रम संसाधन विभाग और समाज कल्याण विभाग को पीड़ित परिवारों को अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया गया है।
क्या है घटना के पीछे की वजह?
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में बताया जा रहा है कि ठेकेदार से लेवी मांगी गई थी, और पैसे नहीं देने पर यह हत्या की गई। फिलहाल, मणिपुर में स्थानीय प्रशासन और बिहार सरकार दोनों मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं।