पटना : राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को चिराग पासवान पर बयान देते हुए कहा कि संकट में घिरे लोजपा नेता चिराग पासवान को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में बने रहने पर पुनर्विचार करना चाहिए, जो संविधान के बजाय आरएसएस की विचारधारा पर चलती है।
तेजस्वी ने बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी जद (यू) पर लोजपा में फूट के पीछे “मास्टरमाइंड” होने का आरोप लगाया, जिसने चिराग को उनके ही नेतृत्व वाली पार्टी के भीतर पराया और पार्टी को दो फाड़ कर दिया है ।
नई दिल्ली से लौटने के बाद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी ने चिराग को यह भी याद दिलाने की कोशिश की कि 2005 और 2010 में लोजपा में जद (यू) द्वारा इसी तरह के विभाजन किए गए थे, जबकि उनके पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने “रामविलास को राज्यसभा की सीट दिलाने में मदद की थी जब वह अपनी ही लोकसभा सीट हार गए थे”।
यादव ने कहा, “चिराग पासवान को अब यह तय करना होगा कि वह वि आरएसएस विचार को आगे अपनाएँगे या उन लोगों के साथ खड़ा होना चाहते हैं, जिनके लिए बी आर अंबेडकर द्वारा संविधान तैयार किया गया है ।
जब यह बताया गया कि अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया कि वह लोजपा में संकट के बारे में कुछ नहीं जानते इस पर यादव ने टिप्पणी की, “नीतीश कुमार कभी कुछ नहीं जानते। शायद वह अखबार भी नहीं पढ़ते हैं। उन्हें इस बात से अनजान होना चाहिए कि बिहार के 38 में से 27 जिलों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई है।”
बिहार से अपनी लंबी अनुपस्थिति की सत्तारूढ़ पार्टीओं की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर यादव ने जोर देकर कहा कि वह अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए बिहार से बाहर गए थे ।आगे उन्होने कहा “मैं नेता होने के अलावा एक बेटा हूं। इसके अलावा, मैं यहां के लोगों के लिए क्या कर पाता जब सत्ता में बैठे लोगों को भी बाहर निकलने से मना कर दिया गया था” ।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक उनके पिता को डॉक्टरों ने संकेत दिया है कि वह “बहुत जल्द” पटना आने में सक्षम हो सकते हैं ।
चारा घोटाले के कई मामलों में दोषी ठहराए गए लालू प्रसाद को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद जेल से रिहा होने पर राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे हैं ।