दरोगा वर्तमान में एसपी का पीआरओ, कुशीनगर में सिपाही की है तैनाती
देवरिया। रकम हड़पने में प्रापर्टी डीलर की मदद करने के आरोपी पूर्व एसओजी प्रभारी और एसओजी में तैनात सिपाही पर एडीजी ने दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है। दरोगा वर्तमान में एसपी के पीआरओ है और सिपाही की कुशीनगर जिले में तैनाती है।
शहर के रागिनी मोड़ निवासी सुनील कुमार मद्देशिया को उनके पिता ने जमीन खरीदने के लिए वर्ष 2019 में रुपये दिए थे। शहर के बेलडाड़ रोड पर ऑफिस खोले एक प्रापर्टी डीलर से उनकी मुलाकात हुई। प्रापर्टी डीलर ने न्यू कॉलोनी के दो भाईयों की बेलडाड़ मोड़ पर स्थित 1700 वर्ग फीट जमीन का सौदा 44.70 लाख रुपये में तय कराया। दलाल को सुनील ने 25 हजार रुपये दे दिए।
इसके बाद कई बार में पूरी रकम का भुगतान कर दिया। 30 नवंबर 2019 को एक हिस्सेदार ने 824 वर्ग फीट जमीन बैनामा कर दिया। लेकिन सुनील ने 1700 वर्ग फीट का रुपये दिया था। बाकी जमीन के लिए प्रापर्टी डीलर के ऑफिस पर गए तो उसने भगा दिया। दूसरे हिस्सेदार से बात करने पर उसने बताया कि उसकी जमीन बिक चुकी है प्रापर्टी डीलर को रुपये वापस कर दिया है। आरोप है कि दबाव बनाने पर कुछ रुपये वापस हुए, बाकी 15.70 लाख प्रापर्टी डीलर ने हड़प लिया।
सुनील ने इसकी शिकायत तत्कालीन एसपी से की। सुनील का आरोप है कि एसओजी के सिपाही ने रकम हड़पने में प्रापर्टी डीलर की मदद की और कही पर शिकायत नहीं करने के एवज में अपने एकाउंट से एक लाख रुपये भी सुनील मद्देशिया को दिया। आरोप है कि इस मामले की जानकारी होते हुए भी दरोगा अनिल यादव ने मदद नहीं की। सुनील ने इसकी शिकायत एडीजी से की था। एडीजी ने इसकी जांच कुशीनगर के एएसपी रितेश सिंह से कराई। जांच में पूर्व एसओजी प्रभारी अनिल यादव और एसओजी सिपाही योगेंद्र कुमार दोषी पाए गए। एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि पत्र मिला है। इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
चार साल से जिले में तैनात है दरोगा
पूर्व एसओजी प्रभारी अनिल यादव की जिले में तैनाती चार साल से अधिक हो गई है। अनिल यादव इन दिनों एसपी के पीआरओ हैं। जबकि सूत्रों के अनुसार, कुशीनगर में तैनात सिपाही योगेंद्र कुमार की प्रापर्टी डीलरों के बीच अच्छी पैठ है। इसके पहले भी एसओजी में तैनाती के दौरान योगेंद्र पर रकम वसूलने का आरोप लगा चुका है।