हिंदू धर्म अनुसार सावन का महीना सबसे पावन महीना होता है और सबसे अधिक माना जाता है । इस पूरे महीने में देवों के देव महादेव भगवान शिव जी की पूजा आराधना की जाती है । पूरे सावन भर भगवान शिव के सभी मंदिरों पर भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है और ऐसा कोई भी शिवालय नहीं होता जहां भगवान शिव के जयकारे नही लगते हैं । लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि सावन के महीने में आखिर भगवान शिव की ही क्यों पूजा की जाती है, आखिर भगवान शिव और सावन महीने का क्या आपसी संबंध है । आइए जानते है इसके पीछे की कहानी –
सावन के महीने में शिव जी की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि हिंदू ग्रंथों में पौराणिक मान्यता के अनुसार प्रजापति दक्ष की पुत्री माता सती ने कई वर्षों तक जीवन को त्याग कर श्रापित जीवन व्यतीत किया था इसके उपरांत उन्हें माता पार्वती के रूप में हिमालय राज के घर जन्म लिया था । शिव जी को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने पूरे सावन महीने में कठोर तपस्या की थी जिससे भगवान शिव शंकर काफी प्रसन्न हुए थे और उनकी मनोकामना पूरी की । भगवान शिव शंकर को अपनी सती से पार्वती के रूप में पुनः मिलाप के कारण उन्हें यह महीना बेहद प्रिय है ।
वही एक और मान्यता अनुसार भगवान शिव सावन की ही महीने में धरती पर आकर अपने ससुराल में विचरण किया था जहां उनका अभिषेक से स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है और इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया है ।